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OBC आरक्षण से इन जातियों को हटाने की सिफारिश, इन लोगों का कट सकता है नाम

 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने पश्चिम बंगाल की केंद्रीय ओबीसी सूची से 35 समुदायों को बाहर करने की सिफारिश की है, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम समुदाय है, यह सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई है, जिसके बाद इन जातियों के लोगों का नाम केंद्रीय आरक्षण सूची से कट सकता है 

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OBC आरक्षण से इन जातियों को हटाने की सिफारिश, इन लोगों का कट सकता है नाम
OBC आरक्षण से इन जातियों को हटाने की सिफारिश, इन लोगों का कट सकता है नाम

ओबीसी आरक्षण से कुछ विशिष्ट जातियों को सीधे तौर पर हटाने की कोई राष्ट्रव्यापी सिफारिश नहीं है, बल्कि मुख्य रूप से ‘क्रीमी लेयर’ (Creamy Layer) के मानदंडों पर चर्चा चल रही है, हालांकि, हाल ही में पश्चिम बंगाल में कुछ समुदायों के ओबीसी दर्जे को लेकर कानूनी विवाद सामने आया है। 

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‘क्रीमी लेयर’ की समीक्षा

  •  केंद्र सरकार ओबीसी में ‘क्रीमी लेयर’ के आय मानदंडों की समीक्षा कर रही है। वर्तमान आय सीमा ₹8 लाख प्रति वर्ष है। इस सीमा को बढ़ाने या न बढ़ाने पर बहस जारी है। जो लोग इस आय सीमा से ऊपर आते हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है, भले ही वे ओबीसी समुदाय से हों। सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि आरक्षण का लाभ सबसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।

पश्चिम बंगाल का मामला

  •  कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में 77 समुदायों (जिनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय शामिल हैं) को ओबीसी सूची में शामिल करने वाली प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं हो सकता। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और मामले की सुनवाई चल रही है।

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न्यायालय के निर्णय

  •  सर्वोच्च न्यायालय ने अतीत में कई मौकों पर आरक्षण की 50% की सीमा और ‘क्रीमी लेयर’ को बाहर करने के सिद्धांत को दोहराया है। 2015 में, सुप्रीम कोर्ट ने जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने के यूपीए सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था, यह तर्क देते हुए कि केवल जाति आरक्षण का आधार नहीं हो सकती। 

संक्षेप में, वर्तमान में किसी विशेष जाति को स्थायी रूप से हटाने की सिफारिश नहीं है, बल्कि ‘क्रीमी लेयर’ के माध्यम से संपन्न व्यक्तियों को आरक्षण के दायरे से बाहर रखने और आरक्षण नीतियों की संवैधानिक वैधता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। 

NCBC Recommends Exclusion of 35 Communities
Author
Divya

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