Join Contact

332 किमी लंबी रेल लाइन! किसानों से जमीन का अधिग्रहण होगा जल्दी, जानें मुआवजा और प्रोजेक्ट डिटेल

बीना-धौलपुर 332 किमी चौथी रेल लाइन बनेगी। किसानों की जमीन जल्द अधिग्रहित होगी। प्रति एकड़ 80 लाख मुआवजा और 2 करोड़ तक पैकेज मिलेगा। 7300 करोड़ प्रोजेक्ट से इलाके की किस्मत बदलेगी, पूरी डिटेल पढ़ें।

Published On:

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बीना से धौलपुर तक फैलने वाली 332 किलोमीटर लंबी नई चौथी रेल लाइन का खाका तैयार हो चुका है। यह प्रोजेक्ट रेलवे के बोर्ड के पास पहुंच गया है, जहां से मंजूरी मिलते ही काम तेजी से शुरू होगा। बढ़ते रेल ट्रैफिक को देखते हुए यह लाइन यात्रा को आसान और तेज बनाएगी, साथ ही माल ढुलाई में भी क्रांति लाएगी। कुल मिलाकर यह परियोजना क्षेत्र की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगी।

332 किमी लंबी रेल लाइन! किसानों से जमीन का अधिग्रहण होगा जल्दी, जानें मुआवजा और प्रोजेक्ट डिटेल

प्रोजेक्ट का रूट और डिजाइन

यह रेल लाइन बीना से शुरू होकर झांसी, चिरुला, सिथौली और ग्वालियर बाईपास को पार करेगी। आगे मालवा कॉलेज के आसपास से रमौआ डैम, दिगसौली और रायरू जैसे इलाकों से गुजरेगी, फिर नूराबाद और बानमोर के पास बाईपास बनाकर धौलपुर से जुड़ेगी। कई संवेदनशील जगहों पर बाईपास डिजाइन किए गए हैं ताकि मौजूदा ट्रैक पर बोझ न पड़े। अनुमानित लागत 7300 करोड़ रुपये से ज्यादा है, और चार साल के अंदर पूरा करने का प्लान है। इससे न सिर्फ पैसेंजर ट्रेनें बल्कि फ्रेट ट्रेनें भी सुचारू रूप से चल सकेंगी।

जमीन अधिग्रहण की योजना

प्रोजेक्ट के लिए कई गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। राज्य और जिला स्तर के अधिकारी इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे, जिसमें सर्वे, नोटिफिकेशन और अंतिम अधिग्रहण शामिल है। रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिलने के बाद प्रक्रिया में तेजी आएगी। किसानों को समय पर सूचना देकर उनकी सहमति ली जाएगी, ताकि कोई विवाद न हो। भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक सभी प्रभावित परिवारों को पुनर्वास और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।

यह भी पढ़ें- किसानों के लिए खुशखबरी! चारा कटाई मशीन पर मिल रही सरकारी सब्सिडी, फॉर्म ऐसे भरें

मुआवजे की राशि और लाभ

किसानों को बाजार मूल्य से दोगुना या उससे ज्यादा मुआवजा मिलेगा, जो प्रति एकड़ 70-80 लाख रुपये तक हो सकता है। इसमें सर्कल रेट, आसपास की जमीनों की बिक्री दर और सालाना 12 प्रतिशत बढ़ोतरी जोड़ी जाती है। ऊपर से आवास, रोजगार और अन्य लाभ भी जुड़ेंगे, जिससे कुल पैकेज 2 करोड़ प्रति एकड़ तक पहुंच सकता है। प्रभावित लोग स्थानीय तहसील या रेलवे अधिकारियों से संपर्क कर डिटेल्स ले सकते हैं। यह मुआवजा किसानों के लिए नया आर्थिक आधार बनेगा।

क्षेत्र पर असर और भविष्य

यह रेल लाइन मध्य भारत के व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी। स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियां पैदा होंगी, और इलाके का विकास तेज होगा। किसानों को मुआवजे से नई फसलें लगाने या बिजनेस शुरू करने का मौका मिलेगा। हालांकि, पारदर्शी प्रक्रिया से किसानों का भरोसा बनाए रखना जरूरी है। कुल 450 शब्दों में यह प्रोजेक्ट उम्मीदों का नया केंद्र बनेगा।

Author
Divya

Leave a Comment

🔥Hot विडिओ देखें