अगर आप रोहतास जिले में जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो अब थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार जल्द ही सर्किल रेट यानी जमीन की न्यूनतम रजिस्ट्री दरों में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं। यह बदलाव लागू होते ही रजिस्ट्री का खर्च वर्तमान की तुलना में कई गुना तक बढ़ सकता है।

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विभाग ने शुरू की रेट संशोधन की प्रक्रिया
राज्य के निबंधन विभाग ने जिले भर में जमीनों के बाजार मूल्य की नई समीक्षा शुरू कर दी है। इसके लिए जिले के सभी अवर निबंधन कार्यालयों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जमीन के मौजूदा बाजार मूल्य का आकलन करें। अब जिला मूल्यांकन समिति की बैठक बुलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, ताकि नए दरों के निर्धारण पर जल्द निर्णय लिया जा सके।
डेहरी अनुमंडल में सबसे बड़ा फर्क दिखाई दे रहा
जिले के डेहरी अनुमंडल में जमीन की वास्तविक कीमतें और मौजूदा सर्किल रेट के बीच सबसे ज्यादा अंतर है। यहां पिछले कुछ वर्षों में जमीन की दरें कई गुना बढ़ चुकी हैं, जबकि रजिस्ट्री अभी भी पुराने दरों पर हो रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जैसे ही नया एमवीआर (मार्केट वैल्यू रेट) लागू होगा, रजिस्ट्री शुल्क 30 से 100 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
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शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनेगी नई दर सूची
आगामी मूल्यांकन में अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की दरें अलग-अलग तय की जाएंगी। दर निर्धारण के लिए सड़क संपर्क, बाजार की दूरी, बिजली, पानी और आसपास के विकास कार्यों को आधार माना जाएगा। पंचायत स्तर पर विशेष सर्वे टीमें बनाई जा रही हैं, जो हर क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार कर अंचलाधिकारी को भेजेंगी। आगे यह रिपोर्ट जिला मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी, जो दरों पर अंतिम मुहर लगाएगी।
लंबे समय से नहीं हुआ मूल्यांकन अपडेट
रोहतास जिले में ग्रामीण क्षेत्रों का एमवीआर 2014 से और शहरी क्षेत्रों का 2016 से संशोधित नहीं हुआ है। इस दौरान संपत्ति मूल्यों में कई गुना वृद्धि होने से सरकारी राजस्व पर असर पड़ रहा है। इसीलिए अब नया मूल्यांकन पूरी तरह वास्तविक बाजार परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
पुराने दरों पर रजिस्ट्री कराना होगा लाभदायक
इस परिस्थिति में जमीन खरीदने या बेचने की सोच रखने वाले लोगों के लिए यह समय खास है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जिनकी रजिस्ट्री प्रक्रिया लंबित है, वे जल्दी निपटा लें। नए सर्किल रेट लागू होने के बाद रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी, जिससे कुल लेनदेन खर्च में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
















