
पिछले पांच साल में लगभग 9 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है, जिसमें 2022 के बाद से इसकी संख्या तेजी से बढ़ी है। राज्यसभा में सरकार ने यह आंकड़ा दिया, जिसके मुताबिक 2020 से 2024 तक कुल 8,96,843 भारतीयों ने नागरिकता त्यागी है।
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वार्षिक आंकड़े
- 2020: 85,256 लोगों ने नागरिकता छोड़ी
- 2021: 1,63,370
- 2022: 2,25,620
- 2023: 2,16,219
- 2024: 2,06,378
- 2011 से 2019 के बीच: 11,89,194 लोगों ने नागरिकता त्यागी
शिकायतें और सुरक्षा
विदेश मंत्रालय को 2024-25 में कुल 16,127 शिकायतें मिलीं, जिनमें सऊदी अरब से सबसे अधिक (3,049) शिकायतें आईं। अन्य प्रमुख देश यूएई, मलेशिया, अमेरिका, ओमान, कुवैत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कतर हैं।
सरकार ने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और शिकायतों के समाधान के लिए बहु-स्तरीय तंत्र बनाया है, जिसमें इमरजेंसी हेल्पलाइन, वॉक-इन सुविधा, सोशल मीडिया और 24×7 बहुभाषी सहायता शामिल है। अधिकतर मामले सीधे संवाद और नियोक्ताओं के साथ मध्यस्थता से सुलझाए जाते हैं।
धोखाधड़ी और बचाव
सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए झूठे जॉब ऑफर देने वाली फर्मों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। इस तरह के स्कैम सेंटरों में जबरन काम करने वाले 6700 भारतीयों को बचाया गया है।
















