
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, ‘उत्तर प्रदेश डेयरी विकास नीति’ के तहत डेयरी फार्म खोलने वाले उद्यमियों और किसानों को अब ₹5 करोड़ तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, इस योजना का लक्ष्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना, आधुनिक डेयरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
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योजना की मुख्य विशेषताएं
- पहले की तुलना में सब्सिडी की अधिकतम राशि को बढ़ाकर ₹5 करोड़ तक कर दिया गया है।
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य डेयरी क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना और राज्य को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।
- किसान, उद्यमी, स्वयं सहायता समूह और कंपनियां इस सब्सिडी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया की जानकारी
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन के लिए इच्छुक व्यक्ति उत्तर प्रदेश सरकार के निवेश प्रोत्साहन पोर्टल Invest UP पर जा सकते हैं।
- आवेदकों को एक विस्तृत और व्यवहार्य व्यावसायिक योजना या प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
- पहचान प्रमाण, भूमि के दस्तावेज़, बैंक विवरण और प्रोजेक्ट रिपोर्ट सहित सभी आवश्यक दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा करने होंगे।
- जमा किए गए आवेदनों और दस्तावेज़ों का पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
योजना के बारे में नवीनतम दिशानिर्देशों और सटीक जानकारी के लिए, आवेदकों को उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाने या अपने स्थानीय ज़िला पशुपालन अधिकारी से संपर्क करने की सलाह दी जाती है, यह योजना निश्चित रूप से राज्य के डेयरी क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखती है।
डेयरी योजना के लाभ
- पशुपालकों को बेहतर दाम के साथ स्थायी मार्केट सुनिश्चित होगा।
- कोल्ड स्टोरेज और वितरण चैनल में सुधार से दूध की बर्बादी भी कम होगी।
- राज्य में आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण यूनिट्स की स्थापना में वृद्धि होगी।
- ग्रामीण स्तर पर डेयरी व्यवसाय में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
















