
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘परम्परागत कृषि विकास योजना’ 2025 के तहत, किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, इस योजना के तहत पात्र किसानों को तीन वर्षों की अवधि में कुल ₹31,500 प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में या क्लस्टर विकास के लिए उपयोग किए जाने वाले कोष में हस्तांतरित की जाती है।
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योजना का मुख्य उद्देश्य और लाभ
PKVY योजना का प्राथमिक लक्ष्य देश में रासायनिक मुक्त, टिकाऊ और लाभदायक कृषि प्रणाली को बढ़ावा देना है, इस पहल के माध्यम से, सरकार मृदा स्वास्थ्य में सुधार लाने, पर्यावरण की रक्षा करने और किसानों के लिए एक नया बाजार बनाने का प्रयास कर रही है।
जानें, किन शर्तों पर मिलेगा यह लाभ:
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए, किसानों को कुछ विशिष्ट पात्रता मानदंडों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।
- व्यक्तिगत किसान इस योजना के तहत सीधे आवेदन नहीं कर सकते। सहायता प्राप्त करने के लिए, किसानों को न्यूनतम 50 सदस्यों का एक ‘क्लस्टर’ (समूह) बनाना आवश्यक है।
- गठित किए गए क्लस्टर के पास सामूहिक रूप से कम से कम 50 एकड़ (लगभग 20 हेक्टेयर) कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए, जिस पर जैविक खेती की जानी हो।
- योजना का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा जो पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों को छोड़कर पूरी तरह से प्राकृतिक और जैविक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए सहमत हैं।
- योजना के तहत किसानों को जैविक उत्पादों के प्रमाणन (organic certification) प्राप्त करने में भी मदद की जाती है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सके।
- क्लस्टर को कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों और मानकों का सख्ती से पालन करना होता है।
आवेदन प्रक्रिया की जानकारी
इच्छुक और पात्र किसान जो इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे अधिक जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए अपने संबंधित राज्य के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं, इसके अतिरिक्त, योजना का विवरण और अन्य संबंधित जानकारी केंद्र सरकार के myScheme पोर्टल पर भी उपलब्ध है।
यह योजना किसानों को आर्थिक रुप से सशक्त बनाने और भारतीय कृषि को एक स्थायी दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
















