
सरकार की ‘बिजली बिल राहत योजना 2025’ को लेकर राज्य भर में चर्चा तेज हो गई है। इस बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने योजना का स्वागत करते हुए यह मांग की है कि नियमित रूप से बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भी छूट दी जाए।
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नियमित भुगतानकर्ताओं को 30 प्रतिशत छूट देने की सिफारिश
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया। उनका कहना है कि जो उपभोक्ता समय पर अपने बिजली बिल चुकाते हैं, उन्हें प्रोत्साहन के रूप में 30 प्रतिशत तक की छूट दी जानी चाहिए।
सब्सिडी की व्यवस्था हो या उपभोक्ताओं पर बोझ न बढ़े
वर्मा ने कहा कि यदि सरकार बिजली कंपनियों को सब्सिडी या वित्तीय सहायता दे रही है तो यह सराहनीय कदम है। मगर यदि सब्सिडी नहीं दी गई तो योजना का बोझ नियमित उपभोक्ताओं पर नहीं आना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ईमानदार भुगतानकर्ताओं पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त आर्थिक भार डालना अनुचित होगा।
परिषद ने आयोग से यह भी अनुरोध किया है कि बिजली दरों में वृद्धि के लिए पावर कॉरपोरेशन द्वारा दाखिल प्रस्ताव पर फिलहाल कोई मंजूरी न दी जाए। परिषद का तर्क है कि चुनावी माहौल में लिए गए ऐसे फैसले उपभोक्ता हितों के विपरीत संदेश देते हैं।
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नियमित उपभोक्ताओं को राहत के दायरे में लाने की मांग
योजना के तहत एक दिसंबर से शुरू होने वाली छूट फिलहाल केवल बकाया रखने वाले उपभोक्ताओं के लिए लागू होने की संभावना है। परिषद चाहती है कि इस राहत का लाभ उन उपभोक्ताओं को भी दिया जाए जो बिना विलंब के वर्षों से अपने बिल चुकाते आ रहे हैं।
आयोग करेगा विधिक और वित्तीय पहलुओं की समीक्षा
परिषद का प्रस्ताव अब विद्युत नियामक आयोग के पास विचाराधीन है। आयोग यह समीक्षा करेगा कि योजना के आर्थिक और विधिक पहलुओं को कैसे संतुलित किया जाए ताकि उपभोक्ता हित सुरक्षित रहें और निगम के राजस्व पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
जल्द शुरू हो सकती है सार्वजनिक सुनवाई
संभावना है कि आयोग सभी संबंधित पक्षों उपभोक्ता संगठनों, पावर कॉरपोरेशन और राज्य सरकार से सुझाव मांगते हुए इस पर सार्वजनिक सुनवाई करे। अगर परिषद की सिफारिशों को मंजूरी मिल जाती है, तो नियमित उपभोक्ताओं को भी बिजली बिल राहत योजना 2025 का लाभ मिलने का रास्ता खुल जाएगा।
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