
क्या आप जानते हैं कि हमारे देश भारत में इतनी ज़मीन किसके पास है जितनी कुछ देशों के क्षेत्रफल से भी ज़्यादा है? ज़मीन की मालिकाना हकदारी केवल किसानों या उद्योगपतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकार और कुछ धार्मिक संस्थाओं के पास भी विशाल संपत्ति है। आइए जानते हैं कि भारत में कौन-कौन हैं सबसे बड़े भूमि स्वामी।
Table of Contents
सरकार के पास सबसे ज्यादा ज़मीन
सबसे पहले बात करते हैं भारतीय सरकार की, जो देश की सबसे बड़ी भूमि स्वामी मानी जाती है। विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों के पास कुल मिलाकर करीब 15,500 वर्ग किलोमीटर भूमि मौजूद है। यह क्षेत्रफल कुछ छोटे देशों जैसे सिंगापुर और क़तर से भी अधिक है।
इनमें सबसे अधिक भूमि रेल मंत्रालय के पास है। रेलवे की ज़मीन पूरे देश में फैली हुई है स्टेशन, ट्रैक, स्टाफ क्वार्टर और डिपो के रूप में। इसके बाद रक्षा मंत्रालय तथा कोयला मंत्रालय भूमि के सबसे बड़े धारक हैं। रक्षा मंत्रालय के पास देशभर में कैंटोनमेंट एरिया और सैन्य ठिकाने हैं जो सुरक्षा कारणों से रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
गैर-सरकारी भूमि में चर्च शीर्ष पर
अगर गैर-सरकारी संस्थाओं की बात करें, तो भारत में सबसे अधिक ज़मीन कैथोलिक चर्च ऑफ इंडिया के पास है। देशभर में चर्च के पास अनुमानित रूप से करोड़ों हेक्टेयर भूमि है। इन ज़मीनों पर चर्चों के अलावा अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और सामाजिक सेवाओं से जुड़ी इमारतें स्थापित हैं।
इतिहास पर नज़र डालें तो ब्रिटिश शासन के समय, वर्ष 1927 में कई स्थानों पर चर्च संगठनों को सस्ती जमीन दी गई थी ताकि ईसाई धर्म के प्रसार को बढ़ावा दिया जा सके। स्वतंत्रता के बाद 1965 में भारत सरकार ने इन संपत्तियों की समीक्षा की और कुछ विवादित पट्टों को निरस्त भी किया। आज भी विभिन्न राज्यों में इन जमीनों को लेकर कई कानूनी विवाद जारी हैं।
तीसरे नंबर पर वक्फ बोर्ड
सरकारी और चर्च संपत्तियों के बाद तीसरे सबसे बड़े भूमि स्वामी के रूप में वक्फ बोर्ड का नाम सामने आता है। यह एक स्वायत्त संस्था है जिसके अधीन पूरे भारत में लगभग छह लाख से अधिक प्रॉपर्टी आती हैं। इन संपत्तियों में मस्जिदें, मदरसे, कब्रिस्तान, और धार्मिक स्थलों से जुड़ी इमारतें शामिल हैं।
वक्फ बोर्ड की इन संपत्तियों की देखरेख और उपयोग का उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक कार्यों में योगदान देना है। हालांकि, कई बार इन संपत्तियों से जुड़ी स्वामित्व अथवा किराये की धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं, जिससे विवाद उत्पन्न होते रहते हैं।
भारतीय ज़मीन का असली मालिक कौन?
अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत की सबसे बड़ी भूमि मालिक भारत सरकार ही है। उसके बाद क्रमशः कैथोलिक चर्च ऑफ इंडिया और वक्फ बोर्ड आते हैं। हालांकि, इन सभी संस्थाओं के पास मौजूद संपत्तियों की सटीक जानकारी किसी भी केंद्रीय रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है। विभिन्न एजेंसियों और रिपोर्टों के अनुसार ये सभी आंकड़े अनुमानित माने जाते हैं। भारत में भूमि स्वामित्व केवल संपत्ति नहीं, बल्कि शक्ति, प्रभाव और सामाजिक स्थिति का प्रतीक भी है। यही कारण है कि सरकारी योजनाओं, धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के बीच ज़मीन को लेकर चर्चाएं हमेशा सुर्खियों में रहती हैं।
















