
रिटायरमेंट जीवन में वित्तीय सुरक्षा और नियमित आय की चिंता हर वरिष्ठ नागरिक के लिए आम होती है। भारत सरकार ने इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए SCSS शुरू की है। यह योजना 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। कुछ विशेष परिस्थितियों में 55-60 वर्ष के बीच VRS लेने वाले भी शामिल हो सकते हैं।
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योजना की विशेषताएँ
SCSS की सबसे बड़ी खूबी इसकी सुरक्षा और नियमित आय है। योजना पोस्ट ऑफिस और नामित बैंकों में खोली जा सकती है। न्यूनतम निवेश ₹1,000 से शुरू होता है और उसके बाद ₹1,000 के गुणकों में निवेश किया जा सकता है। अधिकतम निवेश सीमा ₹30 लाख है। खाता खोलने की अवधि 5 वर्ष होती है, जिसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
ब्याज और मैच्योरिटी
ब्याज दर सरकारी तिमाही आधार पर तय की जाती है और वर्तमान दरें सेवानिवृत्त लोगों के लिए आकर्षक हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति अधिकतम ₹30 लाख का निवेश करता है और ब्याज दर 8.2% प्रति वर्ष है, तो 5 वर्षों में अर्जित ब्याज लगभग ₹12 लाख होगा। इस तरह मैच्योरिटी पर कुल राशि ₹42 लाख से अधिक हो जाती है।
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नियमित आय और सुरक्षा
SCSS का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह निवेश पूरी तरह सुरक्षित है। साथ ही, ब्याज का भुगतान त्रैमासिक (हर तीन महीने में) सीधे खाते में किया जाता है। इससे सेवानिवृत्त व्यक्ति के लिए नियमित आय का स्रोत बन जाता है और रोजमर्रा के खर्चों में मदद मिलती है।
कर लाभ
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत प्रति वर्ष ₹1.5 लाख तक के निवेश पर कर कटौती का लाभ मिलता है। हालांकि, अर्जित ब्याज कर योग्य होता है, फिर भी यह योजना निवेशकों के लिए एक संतुलित विकल्प प्रदान करती है।
खाता खोलने की प्रक्रिया
SCSS में निवेश करना आसान है। आप अपने नजदीकी इंडिया पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक शाखा में जाकर खाता खोल सकते हैं। सरकारी योजना होने के कारण इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित है और नियमित आय सुनिश्चित है।
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