कनाडा की नागरिकता व्यवस्था में हाल ही में ऐसा बदलाव किया गया है, जो भारतीय मूल के कई परिवारों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। नया कानून उन लोगों को लाभ पहुंचाएगा जो अब तक कुछ सीमांत नियमों के कारण कनाडाई नागरिकता पाने से वंचित थे। यह बदलाव 2026 से प्रभावी होगा और कनाडा की इमिग्रेशन नीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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नागरिकता कानून में क्या बदला?
पहले कनाडा की नागरिकता व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण नियम था, जिसे ‘फर्स्ट-जनरेशन लिमिट’ कहा जाता है। इस नियम के तहत, अगर किसी बच्चे का जन्म कनाडा के बाहर हुआ था और उसके माता-पिता भी कनाडा के बाहर जन्मे थे, तो वह बच्चा नागरिकता पाने के हकदार नहीं था। इस नियम के कारण कई परिवारों को नागरिकता के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता था। नए कानून के तहत अब यह सीमा खत्म कर दी गई है।
इसके साथ ही, नए कानून में एक नया मापदंड जोड़ा गया है जिसे ‘सबस्टैंशियल कनेक्शन टेस्ट’ कहा जा रहा है। इस टेस्ट के अनुसार, माता-पिता को अपने बच्चे के जन्म या गोद लेने से पहले कम से कम तीन साल (1095 दिन) कनाडा में रहना जरूरी होगा।
भारतीय परिवारों के लिए फायदे
यह बदलाव खासकर उन भारतीय परिवारों के लिए राहत की खबर है जो कनाडा में रह रहे हैं और अपने विदेश में जन्मे बच्चों को कनाडाई नागरिकता देना चाहते हैं। पुराने नियमों की जटिलताओं की वजह से अनेक भारतीय परिवार इससे वंचित हो रहे थे। नए सुधारों से वे अपने बच्चों को लाभकारी नागरिकता की सुविधा दे सकेंगे।
कनाडाई नागरिकता मिलने के बाद, भारतीय मूल के इन बच्चों को कई सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक लाभ मिलेंगे। उन्हें बेहतर शिक्षा प्राप्त करने, अच्छी नौकरी पाने और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, कनाडा की पूरी नागरिकता प्रक्रिया भी आसान और पारदर्शी होगी।
सरकार का दृष्टिकोण
कनाडा की इमिग्रेशन मंत्री ने इस बदलाव को नागरिकता कानूनों में सुधार और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उनका कहना है कि यह कानून आधुनिक परिवारों की वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिसे नागरिकता तक पहुंच में होने वाली असमानताओं को खत्म करना था। यह बदलाव कनाडाई समाज की बहुलता और समावेशिता को और मजबूत करेगा।
भविष्य में बदलाव का प्रभाव
यह कानून जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है और इसके प्रभाव से न केवल भारतीय मूल के प्रवासी बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय परिवारों को भी नागरिकता प्राप्त करने में आसानी होगी। इससे कनाडा अपनी नागरिकता नीति को और अधिक न्यायसंगत और समावेशी बनाएगा।
यह बदलाव कानूनी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नागरिकता का अधिकार विस्तृत करता है और परिवारों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का अधिकार प्रदान करता है, भले ही वे दुनिया के किसी भी कोने में जन्में हों।
















