
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ज़ीरो बैलेंस बेसिक सेविंग बैंक डिपॉज़िट (BSBD) खातों के संचालन से जुड़े नियमों में व्यापक संशोधन किए हैं, वित्तीय समावेशन को मजबूत करने और ग्राहकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से किए गए ये बदलाव मुख्य रूप से खाताधारकों के लिए फायदेमंद साबित होंगे, हालांकि कुछ अनुपालन शर्तें भी लागू की गई हैं।
यह भी देखें: Stock Market Action: सुजलॉन में गिरावट! ₹51 के नीचे आया भाव, क्या करें निवेशक? टेक्निकल एक्सपर्ट की सलाह
Table of Contents
ग्राहकों के लिए राहत और फायदे
आरबीआई के नए दिशानिर्देशों ने BSBD खातों से जुड़ी सेवाओं को सामान्य बचत खातों के बराबर ला दिया है।
- अब BSBD खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग के साथ-साथ UPI, IMPS, NEFT और RTGS जैसी डिजिटल लेनदेन की सुविधाएँ बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के मिलेंगी।
- बैंकों को अनिवार्य रूप से ग्राहकों को वार्षिक रखरखाव शुल्क के बिना एक एटीएम-कम-डेबिट कार्ड प्रदान करना होगा। इसके अलावा, ग्राहक अब 25 पन्नों की चेक बुक भी मुफ्त प्राप्त करने के पात्र होंगे।
- इन खातों में न्यूनतम शेष राशि (मिनिमम बैलेंस) बनाए रखने की कोई बाध्यता नहीं है। बैलेंस शून्य होने पर बैंक कोई जुर्माना या शुल्क नहीं लगा सकते।
कुछ शर्तें और अनुपालन (सावधानी आवश्यक)
फायदों के साथ-साथ, आरबीआई ने खातों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ सख्त नियम भी लागू किए हैं, जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:
- 1 जनवरी 2025 से, यदि कोई खाता लंबे समय तक निष्क्रिय या डॉर्मेंट रहता है और उसमें कोई लेनदेन नहीं होता है, तो बैंकों को उसे बंद करने का अधिकार होगा। यह कदम KYC (अपने ग्राहक को जानें) मानदंडों के अनुपालन और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
- ग्राहकों के पास यह विकल्प है कि वे अपने मौजूदा सामान्य बचत खाते को मात्र 7 दिनों के भीतर ज़ीरो बैलेंस खाते में परिवर्तित करवा सकते हैं।
यह भी देखें: Divorce Law: शादी में दिए गए तोहफे वापस मिलेंगे! तलाक के बाद महिला ले सकती है वापस, सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश
कुल मिलाकर, ये बदलाव ग्राहकों को ज़ीरो बैलेंस खातों पर बेहतर, आधुनिक और मुफ़्त बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करके वित्तीय प्रणाली में उनकी भागीदारी को आसान बनाते हैं, यह कदम आम आदमी के लिए एक बड़ा फायदा है।
















