दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक पहुंच गई है, जिसके चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण सक्रिय किया गया है। इस स्थिति में कक्षा पांचवीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा हो सके।

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दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 की विस्तृत जानकारी
GRAP-3 तब लागू होता है जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 से 450 के बीच होता है, जिसे गंभीर श्रेणी माना जाता है। इस चरण में निर्माण और विध्वंस कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है, जिसमें भवन निर्माण, सड़कों की मरम्मत, खुदाई, पेंटिंग आदि शामिल हैं। यह प्रतिबंध स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत जरूरी समझा जाता है।
साथ ही, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। केवल इलेक्ट्रिक, CNG, और BS-VI डीजल वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति होती है। पुराने डीजल वाहनों और कम मानक वाले वाहनों का एनसीआर क्षेत्र में प्रवेश रोका जाता है ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इसके उल्लंघन पर भारी जुर्माना भी लगाया जाता है।
स्कूलों में हाइब्रिड मोड का प्रावधान
प्रदूषण में हुई वृद्धि के चलते कक्षा पांचवीं तक के छात्रों की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में चलाने का निर्देश दिया गया है। इसका मतलब है बच्चे आंशिक रूप से ऑनलाइन और आंशिक रूप से विद्यालय जाकर पढ़ाई करेंगे, जिससे उनकी सेहत पर प्रदूषण का प्रभाव कम हो।
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GRAP-4 की अफवाहों पर स्पष्टता
हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 लागू होने और सभी स्कूलों को बंद करने की खबरें आई थीं। हालांकि, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने इन खबरों को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है। फिलहाल केवल GRAP-3 ही लागू है और ग्रैप-4 के निर्णय की आधिकारिक घोषणा होने के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए लोगों से अपील
CAQM ने आम जनता से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी पर भरोसा करें और बिना पुष्टि की अफवाहों पर विश्वास न करें। यह कदम आम लोगों में भ्रम पैदा करता है और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करता है।
















