
देश भर में राशन कार्ड धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अनिवार्य की गई ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया को लेकर चल रही अटकलों और चिंताओं के बीच, लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है, सरकार ने स्पष्ट किया है कि बायोमेट्रिक सत्यापन (ई-केवाईसी) पूरा न होने के कारण किसी भी पात्र लाभार्थी का राशन नहीं रोका जाएगा।
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ई-केवाईसी है अनिवार्य, लेकिन कुछ राज्यों ने दी छूट
केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को प्रभावी बनाने और फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर निकालने के लिए सभी राशन कार्ड सदस्यों का आधार सीडिंग और ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर 31 मार्च, 2025 तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी, जिसे कुछ राज्यों में तकनीकी या अन्य कारणों से आगे बढ़ाया गया।
उत्तराखंड जैसे राज्यों में, खाद्य आपूर्ति विभाग ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि यदि किसी पात्र व्यक्ति की ई-केवाईसी लंबित है या बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगूठे के निशान या रेटिना स्कैन) में समस्या आ रही है, तब भी उनका मासिक राशन जारी रहेगा, यह निर्णय उन लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है, जिन्हें तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
राज्य-दर-राज्य स्थिति भिन्न
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राशन रोकने या न रोकने का निर्णय वर्तमान में राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर करता है:
- उत्तराखंड और कुछ अन्य राज्य फिलहाल मानवीय दृष्टिकोण अपना रहे हैं और ई-केवाईसी के अभाव में राशन नहीं रोक रहे हैं।
- इसके विपरीत, बिहार और ओडिशा सहित कई राज्यों में समय सीमा समाप्त होने के बाद सख्त कदम उठाए गए हैं। जिन लाभार्थियों ने निर्धारित अवधि में ई-केवाईसी नहीं कराई, उनके नाम राशन वितरण सूची से हटा दिए गए हैं, जिससे उन्हें अब राशन नहीं मिल रहा है।
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अब क्या करें लाभार्थी?
भविष्य में किसी भी संभावित परेशानी से बचने के लिए, सभी राशन कार्ड धारकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ले, यह प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क है और इसे नजदीकी राशन वितरण दुकान (PDS सेंटर) या जन सेवा केंद्र (CSC) पर जाकर आसानी से कराया जा सकता है।
















