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PM KUSUM Yojana 2025: किसानों के लिए खुशखबरी! अब सोलर पंप मिलेंगे बेहद सस्ते, मिलेगी 60% तक की सब्सिडी

केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को बड़ी राहत दी है। अब सोलर पंप पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे किसानों को 7,800 रुपये तक की सीधी बचत होगी। साथ ही 60% तक सब्सिडी और विशेष रूप से एससी-एसटी किसानों को अतिरिक्त 45,000 रुपये का लाभ मिलेगा।

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farmers will now get solar pumps at lower prices under pm kusum yojana

किसानों के लिए सरकार की एक और राहतभरी खबर आई है। खेती में सिंचाई लागत घटाने और ऊर्जा के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने के लिए अब सोलर पंप पहले से सस्ते हो गए हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) के तहत सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सोलर पंपों पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दी है।

इस फैसले से किसानों को पंप इंस्टॉलेशन पर 4,200 से 7,800 रुपये तक की सीधी बचत मिलेगी। इतना ही नहीं, अब उन्हें डीजल या बिजली पर निर्भर रहकर सिंचाई करने की परेशानी से भी छुटकारा मिलेगा।

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खेती में अब सौर ऊर्जा बनेगी गेम-चेंजर

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मकसद किसानों को पारंपरिक बिजली पर निर्भरता से मुक्त कर आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत खेत में सौर ऊर्जा पंप लगवाने पर किसानों को भारी सब्सिडी दी जाती है। इससे किसान 24 घंटे सिंचाई सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, भले बिजली उपलब्ध हो या न हो।

राजस्थान जैसे राज्यों ने इस दिशा में तेज़ी से काम शुरू कर दिया है। यहां 3 HP, 5 HP और 7.5 HP क्षमता वाले सोलर पंप संयंत्रों पर 60 प्रतिशत तक का अनुदान (सब्सिडी) दिया जा रहा है। किसान को अपनी लागत का छोटा हिस्सा ही खुद उठाना पड़ता है, बाकी रकम राज्य और केंद्र सरकार मिलकर देती हैं।

एससी-एसटी किसानों को मिलेगा अतिरिक्त लाभ

योजना के तहत अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 45,000 रुपये तक का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है। किसान बाकी लागत का 30 प्रतिशत बैंक लोन के रूप में ले सकता है और खुद को सिर्फ 10 प्रतिशत राशि भरनी होती है। इससे गरीब और छोटे किसान भी सौर ऊर्जा की सुविधा आसानी से प्राप्त कर सके हैं।

उद्यान विभाग, झालावाड़ के उप निदेशक सुभाष शर्मा के मुताबिक, जीएसटी दर घटाने से सोलर पंप की कुल लागत कम हो गई है। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ घटेगा और अधिक संख्या में किसान अब सोलर पंप लगाने में रुचि दिखाएंगे।

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किसानों की लागत घटी, आमदनी बढ़ेगी

सोलर पंप लगने से किसानों को बिजली कनेक्शन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वे दिन में जब चाहें फसलों की सिंचाई कर सकेंगे। डीजल और बिजली के खर्च में बड़ी कटौती होगी, जिससे खेती की लागत गिरेगी और नेट आमदनी बढ़ेगी। बिना किसी रुकावट के जल आपूर्ति से खेतों की उत्पादकता में भी सुधार होगा।

केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में देश के लाखों किसानों को सौर ऊर्जा पंप से जोड़ा जाए, ताकि कृषि क्षेत्र ऊर्जा आत्मनिर्भर बन सके। यह कदम किसानों की आय दोगुनी करने (Double Income Mission) के उद्देश्य को भी मज़बूत करेगा।

आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान

राजस्थान के किसान पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप के लिए राज किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या निकटतम ई-मित्र केंद्र से भी फार्म भरवा सकते हैं। आवेदन के लिए जन आधार कार्ड, जमाबंदी की कॉपी, सिंचाई स्रोत प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल्स और आवश्यक श्रेणी प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) जैसे दस्तावेज़ जरूरी हैं।

जो किसान पहले से आवेदन कर चुके हैं, उन्हें अपनी हिस्से की राशि समय पर जमा करनी होगी ताकि पंप आवंटन में देरी न हो। समय पर भुगतान न करने पर प्राथमिकता दूसरे आवेदकों को दे दी जाएगी।

सौर ऊर्जा से खेती में आत्मनिर्भरता

इस योजना ने साबित किया है कि किसान तकनीक अपनाकर न सिर्फ खर्च घटा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान दे सकते हैं। सौर पंप प्रदूषणमुक्त हैं, रखरखाव कम है और लंबे समय तक लगातार काम करते हैं।

सरकार की तरफ से यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और ग्रामीण भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है। आने वाले समय में सोलर पंप हर खेत का आम नज़ारा बन सकते हैं।

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Author
Divya

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