हॉलीवुड की शानदार दुनिया में बड़ा हलचल मचा हुआ है। दिग्गज कंपनी वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी अब बिकने की राह पर है, जहां नेटफ्लिक्स ने करीब 83 अरब डॉलर की पेशकश की तो पैरामाउंट-साइडांस ने इससे ऊंची 108 अरब डॉलर की hostile बोली लगा दी। ये जंग न सिर्फ पैसे की है, बल्कि स्ट्रीमिंग और ट्रेडिशनल मीडिया के भविष्य की भी।

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चार भाइयों का छोटा सा सपना
सबसे रोचक बात तो कंपनी के जन्म की कहानी है। 1923 में चार भाई – हैरी, अल्बर्ट, सैम और जैक – ने मिलकर वार्नर ब्रदर्स पिक्चर्स की शुरुआत की। ये पोलैंड से अमेरिका आए थे और गरीबी में पले। शुरू में ओहियो-पेंसिलवेनिया के इलाकों में घूम-घूमकर साइलेंट फिल्में दिखाते थे। धीरे-धीरे थिएटर खरीदे, डिस्ट्रीब्यूशन का धंधा शुरू किया और 1913 से खुद फिल्में बनाने लगे।
जिम्मेदारियां कैसे बंटीं भाइयों में
भाइयों ने अपना-अपना रोल साफ बांट लिया। बड़े भाई हैरी न्यूयॉर्क से प्रेसिडेंट बने, फाइनेंस और ओवरऑल कंट्रोल संभाला। अल्बर्ट सेल्स व डिस्ट्रीब्यूशन के बॉस बने। सैम और जैक कैलिफोर्निया के हॉलीवुड स्टूडियो चलाते रहे। 1917 में प्रोडक्शन का पूरा सेटअप वहां शिफ्ट हो गया, जो आज बरबैंक में कंपनी का हेडक्वार्टर है।
कई बार बदले मालिक, फिर भी जिंदा विरासत
कंपनी पहले भी हाथ बदली चुकी है। 1967 में इलियट-केन हाइमन ने खरीदा, नाम रखा वार्नर ब्रदर्स-सेवन आर्ट्स। दो साल बाद किन्नी कॉर्प ने ले लिया, जो वार्नर कम्युनिकेशंस बनी। 1990 में टाइम इंक से मर्जर हुआ, दुनिया की सबसे बड़ी मीडिया दिग्गज टाइम वार्नर तैयार। डिस्कवरी के साथ लेटेस्ट मर्जर के बाद भी चुनौतियां रुकीं नहीं।
क्यों लग रही बिक्री तय?
स्ट्रीमिंग की होड़ में पुरानी कंपनी फंस गई। नेटफ्लिक्स अपनी कंटेंट लाइब्रेरी बढ़ाना चाहती है, खासकर डीसी और हॉरर फ्रैंचाइजी। पैरामाउंट ट्रेडिशनल एसेट्स पर नजर गड़ाए है। बोर्ड नेटफ्लिक्स को तरजीह दे रहा, लेकिन शेयरहोल्डर्स का फैसला अंतिम होगा। ये डील हॉलीवुड को नया आकार देगी।
















