
झारखंड की मैया सम्मान योजना में हाल ही में कड़ी जांच के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जिनमें से लगभग 1.50 लाख महिलाएं दस्तावेज़ीकरण की गड़बड़ियों या अपात्रता की वजह से नई किस्तों से वंचित रही हैं। यह लेख आपको सरल भाषा में बताएगा कि किस्त रुकी क्यों, समाधान क्या हैं और आगे क्या करना चाहिए।
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किस्त न मिलने के मुख्य कारण
- आवेदन या दस्तावेज़ में त्रुटियां: सबसे ज़्यादा नाम गलत बैंक डिटेल (जैसे IFSC कोड, अकाउंट नंबर), आधार-पैन मिसमैच या दस्तावेज़ की अस्पष्ट कॉपी के कारण सूची से हटे हैं।
- आधार लिंक न होना: जिनका बैंक खाता आधार से लिंक और DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सक्षम नहीं, उनको भी पैसे नहीं मिले।
- पात्रता संबंधी खामी: सत्यापन के दौरान कई महिलाएं पाई गईं, जिनके परिवार में सरकारी नौकरी या अन्य अपात्रता का कारण था।
- भौतिक सत्यापन और गड़बड़ी: बड़े स्तर पर फिजिकल वेरिफिकेशन में सैकड़ों अपात्र लाभार्थी निकाले गए; कई जगहों पर एक ही बैंक खाते या एक ही दस्तावेज़ से फर्जी नाम जुड़े मिले हैं।
नई अपडेट्स और वर्तमान समाधान
- दो माह की राशि साथ: जिन महिलाओं को पिछली किस्त मिस हुई थी, उनको अब एक साथ दो महीने की राशि (₹2500+₹2500=₹5000) भेजी जा रही है। आप बैंक एसएमएस, पासबुक या नेट/मोबाइल बैंकिंग से अपनी किस्त चेक कर सकती हैं।
- समाधान शिविर: सरकार ने 21 नवंबर से ‘आपकी सरकार आपके द्वार’ अभियान शुरू किया है—यहां नए आवेदन लिए जाएंगे, दस्तावेज़ अपडेट होंगे और आपकी शिकायतें सुनी जाएंगी।
- बैंक और ब्लॉक दफ़्तर: अनेक महिलाएं ब्लॉक/बैंक के चक्कर काट रही हैं अधिकारियों के मुताबिक समाधान जल्दी होगा।
समाधान के लिये जरूरी कदम
- दस्तावेज़ चेक करें: सबसे पहले अपने आधार, बैंक डिटेल्स, पैन, आदि डॉक्युमेंट्स की बिल्कुल मिलान और अपडेट करवाएँ।
- आधार से लिंक कराएँ: जल्द से जल्द अपनी बैंक शाखा जाकर अकाउंट को आधार से लिंक और DBT इनेबल्ड करें।
- शिकायत करें: अगर किस्त नहीं आई, तो हेल्पलाइन नंबर 1800-890-0215 पर कॉल करें या अपने नजदीकी ब्लॉक/CSC सेंटर पर दस्तावेज़ ले जाकर लिखित शिकायत दर्ज करें।
- फिजिकल वेरिफिकेशन: जहां भी कैंप लगे, वहाँ खुद जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन कराएँ और पुनः लाभार्थी बनने की प्रक्रिया में शामिल हों।
किन्हें मिलेगा फायदा और किन्हें नहीं?
- केवल 18 से 50 वर्ष की महिला, जिनके परिवार में कोई सरकारी नौकरी में नहीं, और जो अन्य सरकारी सहायता/पेंशन नहीं लेती, ऐसी महिलाओं को योजना का अधिकार है।
- अपात्र पाई गईं महिलाओं (जैसे आर्थिक रूप से संपन्न, सरकारी सेविका, दोहरी लाभार्थी, फर्जी दस्तावेज़ वाली) का नाम स्थायी रूप से हटाया जा सकता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
- बिचौलियों या दलालों से सावधान रहें, योजना की सभी प्रक्रियाएं मुफ्त हैं।
- समय-समय पर सरकार से अपडेट और निर्देश मिलते रहेंगे, जो आपके लिए अहम हैं; स्कीम पोर्टल या सरकारी कैंप का लाभ लें।
- किसी भी तरह के फर्जीवाड़े पर सरकार सख्त है गलत लाभ लेने वालों के नाम न केवल हटाए गए हैं, बल्कि केस भी दर्ज हुए हैं।
















