
भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों और नगर पालिकाओं में पालतू जानवर, विशेष रूप से कुत्तों को रखने के लिए लाइसेंस (पंजीकरण) लेना अनिवार्य है, यह नियम स्थानीय शहरी निकायों द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और पालतू जानवरों के जिम्मेदार स्वामित्व को बढ़ावा देने के लिए लागू किए गए हैं।
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देश के विभिन्न हिस्सों में नगर निगमों ने पालतू जानवरों के स्वामित्व को विनियमित करने के लिए अपने मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है, यदि आप भी घर में कुत्ता या कोई अन्य पालतू जानवर रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है, बिना वैध लाइसेंस के पालतू जानवर रखना अब कानूनी रूप से भारी जुर्माना और कार्रवाई का कारण बन सकता है।
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लाइसेंस क्यों है जरुरी?
यह कदम कोई नया राष्ट्रीय कानून नहीं है, बल्कि स्थानीय सरकारों द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा और पशु कल्याण सुनिश्चित करने की पहल है। लाइसेंस प्रणाली के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- लाइसेंस के लिए रेबीज सहित सभी आवश्यक टीकों का प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है, जिससे संक्रामक बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके।
- पंजीकृत पालतू जानवरों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार होता है, जिससे खोए हुए जानवरों को खोजने में मदद मिलती है।
- यह नियम मालिकों को अपने पालतू जानवरों की देखभाल और सार्वजनिक स्थानों पर उनके व्यवहार (जैसे साफ-सफाई और पट्टे का उपयोग) के प्रति जवाबदेह बनाता है।
नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना
बिना लाइसेंस के पकड़े जाने पर संबंधित शहर के नियमों के अनुसार जुर्माना लगाया जाता है। जुर्माने की राशि अलग-अलग नगर पालिकाओं में भिन्न होती है।
- चेन्नई: यहां बिना लाइसेंस वाले पालतू जानवरों के मालिकों पर ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- लखनऊ: नगर निगम लखनऊ के तहत बिना लाइसेंस के कुत्तों पर ₹500 का तत्काल जुर्माना (spot fine) है, साथ ही रजिस्ट्रेशन में देरी पर ₹50 प्रतिदिन का विलंब शुल्क भी वसूला जा रहा है।
- चंडीगढ़: यहां बिना पंजीकरण के पकड़े जाने पर ₹5,000 तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
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लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें?
पालतू जानवरों का लाइसेंस प्राप्त करना एक सीधी प्रक्रिया है। मालिक अपने संबंधित नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट या पशु चिकित्सा विभाग के स्थानीय कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़ों में शामिल हैं:
- पालतू जानवर के टीकाकरण (विशेषकर रेबीज) का वैध प्रमाण पत्र।
- मालिक का पहचान पत्र और पते का प्रमाण।
- पालतू जानवर का हालिया फोटो।
- निर्धारित पंजीकरण शुल्क का भुगतान।
सभी पालतू जानवरों के मालिकों से अपील की जाती है कि वे अपने शहर के विशिष्ट नियमों की जांच करें और कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए जल्द से जल्द लाइसेंस प्राप्त कर एक जिम्मेदार नागरिक बनें।
















