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Petrol Scam Exposed: पेट्रोल में मिलावट का बड़ा खेल बेनकाब, यूपी से कई राज्यों तक चल रही थी सप्लाई

अलीगढ़ में एक अवैध फैक्ट्री का संचालन हो रहा था जहाँ से यूपी समेत अन्य कई राज्यों में नकली पेट्रोल भेजा जा रहा था। फैक्ट्री के संचालक को गिरफ्तार करके अब कार्यवाई की जा रही है।

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क्या आपने उत्तर प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थों का मामला सुना था, लेकिन अब एक ओर बड़ा मामले सामने आया है जो कि पेट्रोल-डीजल में मिलावट से जुड़ा है। राज्य में स्पेशल टास्क फ़ोर्स ने अलीगढ शहर की सीमा में एक अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है, यहाँ पर बड़ी मात्रा में मिलावटी ईंधन तैयार हो रहा था।

जानकारी के लिए बता दें यह फैक्ट्री पिछले पांच सालों से चल रही थी और इसी से यूपी के साथ अन्य कई राज्यों में मिलावटी ईंधन भेजा जा रहा था। पांच सालों से स्थानीय प्रशासन को भी इस बात की भनक तक नहीं लगी, इस खबर से सभी लोग हैरान हैं।

Petrol Scam Exposed: पेट्रोल में मिलावट का बड़ा खेल बेनकाब, यूपी से कई राज्यों तक चल रही थी सप्लाई

अंतराज्यीय गिरोह का खुलासा कैसे हुआ?

सबसे पहले उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा शिकायत की गई जिसके बाद कार्यवाई की गई। इसके बाद पूछताछ की गई जिसमें जानकारी मिली की मिलावटी ईंधन का कनेक्शन अलीगढ से है। यह ईंधन अलीगढ की पराग पेंट्स एंड केमिकल फैक्ट्री से भेजा जा रहा था।

इतनी बड़ी खबर मिलने के बाद एसटीएफ ने फैक्ट्री के संचालक कन्हैया लाल वार्ष्णेय और प्रबंधक सर्वेश कुमार को गिरफ्तार किया और इस अंतराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश अच्छे तरह से किया गया।

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गुप्त तरीके से चल रही थी फैक्ट्री

फैक्ट्री का संचालन बहुत ही गुप्त तरीके से हो रहा था जिसकी भनक आस-पास के पड़ोसियों को भी नहीं लगी। यहाँ पर कोई भी बोर्ड नहीं लाग्या गया था। सिर्फ जब टैंकर आते जाते थे उसी समय वहां का गेट खुलता था। यानी की यह हमेशा बंद रहता था।

सूत्रों के अनुसार, फैक्ट्री के मालिक को बचाने का सबसे बड़ा प्रयास जिला आपूर्ति विभाग कर रहा था। यह विभाग और मालिक की मिलीभगत लग रही है अब इसमें सवाल किए जा रहें हैं।

लाइसेंस हो सकता है रद्द

संचालक ने सच स्वीकार कर दिया है कि वह गुजरात से क्रूड ऑइल मंगाकर उसमें मिलावट करता था। उसने अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर लिलिए पेट्रो केमिकल-एक्सप्लोसिव बिक्री व रिफाइनरी लाइसेंस का गलत इस्तेमाल कर रहा था। अब इस मिलावट का पूरा खुलासा हो गया है अब उम्मीद है कि जल्द ही फैक्ट्री का लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा।

राजनैतिक और प्रशासनिक संबंध

जाँच में सामने आया है कि फैक्ट्री संचालक कन्हैया लाल की अफसरों और राजनेताओं से जान पहचान थी। उसका हस्तक्षेप ऐतिहासिक अलीगढ नुमाइश के ठेकों में भी था।

24 घंटे में मिली जमानत

एसटीएफ ने जितने कोगीरोह के जितने भी सदस्यों को गिरफ्तार किया था उन्हें शनिवार शाम को फिरोजाबाद से 24 घंटे के भीतर जमानत दे दी गई। यह इसलिए हुआ है क्योंकि आरोपियों पर सात साल से कम सजा वाली धाराओं (जैसे 318 (4) बीएनएस और 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम) के तहत केस दर्ज किया गया है। अब लोग एसटीएफ की कार्यवाई की कार्यवाई पर कई सवाल कर रहें हैं।

Petrol Scam Exposed
Author
Divya

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