
ग्रामीण इलाकों के लाखों लोगों के लिए एक खुशखबरी हाथ लगी है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) की नई कॉलोनी की सूची अब आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड हो रही है। जिन लोगों के नाम इस सूची में शामिल हैं, उन्हें लगभग 1,20,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी ताकि वे अपना खुद का पक्का मकान बना सकें। अगर आप भी ग्रामीण क्षेत्र से हैं और आपने आवास योजना के लिए आवेदन किया था, तो अब अपनी लिस्ट में नाम चेक करने का यही सही समय है।
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PMAY-G योजना का मकसद और इसकी अहमियत
यह योजना मुख्य रूप से गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए है, जो अभी तक कच्चे मकानों में रहते हैं। देश में चुनावों के कारण फिलहाल नए नाम सूची में नहीं जोड़े जा रहे हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही और भाजपा सरकार केंद्र में फिर से आती है, तो नए आवेदन और नामों को चार चरणों में शामिल किया जाएगा। पहले चरण में एक करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। भाजपा सरकार का लक्ष्य है कि 5 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को पक्का मकान मिले।
आवास योजना की पात्रता क्या है?
इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं: आवेदक की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए, वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए, उसके पास कोई चार-पहिया या तीन-पहिया वाहन न हो, शस्त्र लाइसेंस न हो, और वर्तमान में उसका मकान कच्चा हो। इसके अलावा आवेदक का नाम गरीबी रेखा में होना आवश्यक है। ऐसे व्यक्ति जो इन शर्तों पर खरे उतरते हैं, वे इस योजना के लाभार्थी बन सकते हैं।
अपने आवास योजना का स्टेटस ऑनलाइन ऐसे चेक करें
आवास योजना की लिस्ट और अपना स्टेटस चेक करना बिलकुल आसान है। इसके लिए आपको https://pmayg.nic.in/ वेबसाइट पर जाना होगा। वहां होमपेज पर “Stakeholders” सेक्शन में जाकर “IAY/PMAYG Beneficiary” विकल्प चुनें। उसके बाद “Advance Search” के तहत अपने राज्य, जिला, ब्लॉक और पंचायत का चयन करके सर्च करें। आपकी स्क्रीन पर उस कॉलोनी की पूरी सूची खुल जाएगी जिसमें आपके क्षेत्र के लाभार्थियों के नाम होंगे।
इस प्रक्रिया से आप न केवल अपना नाम जान पाएंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपकी सहायता राशि और आवास योजना के अन्य लाभ समय पर मिल रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण परिवारों के लिए यह योजना एक मजबूत सहारा बन रही है, और आने वाले समय में और भी ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा। ग्रामीण भारत में आज पक्के मकानों की ये योजना न केवल जीवनस्तर सुधारने वाली है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का रास्ता भी खोल रही है।
















