प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत मदद पाकर भी मकान निर्माण नहीं कराने वाले लाभुकों पर नगर परिषद प्रशासन ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। लंबे समय से चेतावनी और नोटिस जारी करने के बावजूद कार्रवाई न होने के बाद अब प्रशासन ने कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया है।

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10 लाभुक चिन्हित, सर्टिफिकेट केस की प्रक्रिया शुरू
नगर प्रशासन ने योजना की राशि उठाने वाले ऐसे 10 लाभुकों को चिन्हित किया है जिन्होंने अब तक मकान का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। इन सभी पर सर्टिफिकेट केस दर्ज कराने का आदेश म्युनिसिपल सिविल इंजीनियर को दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, नोटिस देने और पर्याप्त समय देने के बाद भी जब लाभुकों ने नियमों का पालन नहीं किया, तो अब वसूली की कार्रवाई तय है।
ब्याज सहित राशि वसूल की जाएगी
नगर कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि जिन लाभुकों ने योजना की राशि का दुरुपयोग किया है, उनसे ब्याज सहित पूरी रकम वापस ली जाएगी। अगर समय सीमा में राशि जमा नहीं की जाती है, तो उन्हें सजा का भी सामना करना पड़ सकता है। यह कदम योजना की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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निरीक्षण में मिली लापरवाही, तय की गई सख्ती
नगर प्रबंधक और सिविल इंजीनियर की टीम ने सभी चिन्हित लाभुकों के निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पाया गया कि कई लाभुकों ने न तो निर्माण शुरू किया और न ही योजना के उद्देश्यों का पालन किया। प्रशासन ने अब स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
पीएम आवास योजना 2.0 में भी चेतावनी जारी
अधिकारियों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत जिन लाभार्थियों को नई राशि मिली है, वे तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा करें। अन्यथा, उनके विरुद्ध भी इसी तरह की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
















