देश में रहने वाले लाखों कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को पहचान देना और उन्हें प्रशिक्षित कर आर्थिक मदद मुहैया कराना है जो अपनी कला से समाज की जरूरतें पूरी करते हैं, जैसे दर्जी, सुनार, मोची, बढ़ई, लोहार, खिलौना निर्माता या चटाई बनाने वाले।

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कारीगरों को क्या-क्या मिलते हैं लाभ
यह योजना न केवल वित्तीय सहयोग देती है बल्कि कौशल बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर भी खोलती है।
- कारीगरों को अपने काम में निपुणता लाने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
- प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रति दिन की राशि सरकार देती है।
- जरूरी उपकरण खरीदने के लिए ₹15,000 रुपये तक की आर्थिक मदद।
- शुरू में ₹1 लाख तक का लोन और समय पर किस्तें चुकाने पर अगली बार ₹2 लाख तक का अतिरिक्त लोन प्राप्त किया जा सकता है।
कौन लोग कर सकते हैं आवेदन
इस योजना का लाभ वे सभी लोग उठा सकते हैं जो हस्तशिल्प या पारंपरिक पेशों में कार्यरत हैं। उदाहरण के तौर पर –
- सुनार, लोहार और बढ़ई
- खिलौने, मूर्तियां या बर्तन बनाने वाले
- दर्जी, धोबी या मोची
- चटाई, टोकरी, झाड़ू या ताला बनाने वाले
- त्योहारों या मेलों से जुड़े शिल्पकार
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साधारण शब्दों में, जो व्यक्ति अपने हाथों के हुनर से जीवन-यापन करते हैं, वे सभी इसके पात्र हैं।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
- बैंक खाता विवरण
- निवास प्रमाण पत्र (Domicile)
- काम या पेशे से संबंधित कागजात
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
आवेदन करने की प्रक्रिया
- अपने नजदीकी सीएससी (Common Service Centre) या साइबर कैफे पर जाकर मोबाइल वेरिफिकेशन और ई-केवाईसी करवाना होगा।
- इसके बाद पीएम विश्वकर्मा योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें।
- आवेदन पूरा होने के बाद डिजिटल आईडी और सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।
- इसके पश्चात अलग-अलग लाभों के लिए आवेदन कर सकते हैं — जैसे लोन, ट्रेनिंग या टूलकिट सहायता।
















