पीएम यशस्वी योजना उन ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी परिवारों के होनहार बच्चों के लिए वरदान है, जहां पैसे की तंगी पढ़ाई रोक देती है। सालाना 2.5 लाख तक कमाने वाले घरों के छात्रों को स्कूल से कॉलेज तक फीस, हॉस्टल और किताबों का पूरा खर्च सरकार उठाती है। अब गांव के बच्चे भी बड़े सपने देख सकते हैं बिना आर्थिक बोझ के।

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योजना क्यों जरूरी है?
कई प्रतिभाएं गरीबी में दब जाती हैं, लेकिन यह योजना उन्हें चमकाने का प्लेटफॉर्म देती है। कक्षा 9 से 12 तक टॉप स्कूलों में दाखिला और उसके बाद इंजीनियरिंग-मेडिकल जैसे कोर्सेज में फुल सपोर्ट मिलता है। ग्रामीण इलाकों से आने वाले बच्चे शहरों के नामी संस्थानों तक पहुंच पाते हैं, जिससे उनका भविष्य संवरता है।
कौन ले सकता है लाभ?
अगर आप ओबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर या घुमंतू समुदाय से हैं, परिवार की कमाई 2.5 लाख सालाना से कम है, तो बिल्कुल फिट बैठते हैं। कक्षा 9 या 11 में सरकारी-अनुमोदित स्कूल में पढ़ने वाले और कोई दूसरी स्कॉलरशिप न लेने वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं। अच्छे नंबरों वाले मेधावी बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।
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कितनी बड़ी मदद मिलेगी?
कक्षा 9-10 के लिए 4,000 से 75,000 रुपये सालाना, जबकि 11-12 में 1.25 लाख तक सब कुछ कवर। कॉलेज स्तर पर 5,000 से 20,000 रुपये कोर्स अनुसार, प्लस रहने-खाने का इंतजाम। स्कूलों में हॉस्टल बनाने के लिए भी पैसे मिलते हैं, ताकि बच्चे बिना परेशानी पढ़ सकें।
आवेदन कैसे करें आसानी से?
scholarships.gov.in पर मोबाइल से रजिस्टर करें, आधार, जाति-आय प्रमाण, मार्कशीट और बैंक डिटेल्स भरें। साल में एक बार 31 अगस्त तक विंडो खुलती है, मेरिट या टेस्ट से चयन। पैसे सीधे खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं, बस समय पर अप्लाई करें क्योंकि सीटें सीमित हैं। जल्दी शुरू करें, भविष्य बदल जाएगा!
















