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RBI Rule Change 2025: बैंक खातों में Nominee को लेकर बदला बड़ा नियम, जानिए क्या है RBI का नया आदेश

RBI ने 1 नवंबर 2025 से बैंक खातों, FD और लॉकर से जुड़ी नॉमिनी पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। अब खाताधारक एक से ज्यादा नॉमिनी तय कर सकेंगे, जिससे धन वितरण में विवाद खत्म होंगे और प्रक्रिया तेज बनेगी।

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RBI Rule Change 2025: बैंक खातों में Nominee को लेकर बदला बड़ा नियम, जानिए क्या है RBI का नया आदेश
RBI Rule Change 2025: बैंक खातों में Nominee को लेकर बदला बड़ा नियम, जानिए क्या है RBI का नया आदेश

2025 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक खाताधारकों के लिए नॉमिनी तय करने के नियमों में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। यह बदलाव न सिर्फ आधुनिक बैंकिंग को पारदर्शी और उपयोगकर्ता-केंद्रित बना रहा है, बल्कि धन के उत्तराधिकार विवादों को भी समेट रहा है। अब किसी बैंक खाते के नॉमिनी का चुनाव पहले से कहीं ज़्यादा सरल, लचीला और सुरक्षित हो गया है।

क्या है 1 नवंबर 2025 से लागू नया नॉमिनी नियम?

  • अब एक खाते में अधिकतम चार नॉमिनी बनाए जा सकते हैं। इससे परिवार के हर सदस्य या जितने भी लोग ज़रूरी हों, सबको शामिल किया जा सकता है।
  • खाताधारक यह भी तय कर सकता है कि किस नॉमिनी को कितने प्रतिशत हिस्से का अधिकार मिलेगा। उदाहरण के लिए, आप अपनी FD के 70% हिस्से के नॉमिनी अपनी पत्नी या बच्चों को, और बाकी किसी अन्य को दे सकते हैं।
  • नॉमिनी बनाना आवश्यक नहीं है, लेकिन बैंक को यह सुविधा उपलब्ध कराना और इसकी पूरी जानकारी देना अनिवार्य होगा।
  • अगर आप नॉमिनी नहीं रखना चाहते, तो आपको बैंक में एक लिखित आवेदन देना होगा। ध्यान रहे, ऐसे में बैंक आपके अकाउंट खोलने से इनकार नहीं कर सकता।

प्रक्रिया हुई और भी आसान व तेज

RBI के नए नियम के अनुसार, यदि कोई ग्राहक नॉमिनी जोड़ना, बदलना या हटाना चाहता है, तो बैंक को तीन कार्यदिवस के भीतर उसकी आवेदन रसीद देनी होगी। यानी अब कोई भी अनुरोध झंझट का कारण नहीं बनेगा और आपको अपनी एप्लिकेशन का पूरा ट्रैक रिकॉर्ड भी मिलेगा।

डिजिटल बनाम पारंपरिक: नामांकन अब एडवांस मोड में

अब नॉमिनी की जानकारी पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी तरीके से रिकॉर्ड की जाएगी। फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट, लॉकर या किसी भी बैंकिंग प्रोडक्ट के रिकॉर्ड पर ‘Nomination Registered’ का साफ उल्लेख मिलेगा। इससे बैंक तथा खाताधारक—दोनों के लिए विसंगतियों की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी।

सभी बैंकिंग उत्पादों पर लागू

यह नया नियम न सिर्फ सेविंग अकाउंट, बल्कि फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट, लॉकर और बैंक की सेफ कस्टडी सर्विसेज सभी पर लागू होगा। अब हर खाताधारक को चाहे वो रिटर्न चाह रहा हो, निवेश या सिर्फ बैंक में ज्वाइंट अकाउंट—नॉमिनी का फायदा मिल सकेगा।

यह बदलाव क्यों जरूरी था?

पिछले वर्षों में देखा गया कि सिर्फ एक नॉमिनी की सीमा के चलते परिवारों में विवाद या कानूनी दांवपेच बढ़ गए थे। वहीं, बैंकों में आवेदन या दावा प्रक्रिया लंबी और अपारदर्शी थी। अब, जब खाते में कई नॉमिनी और उनका हिस्सा स्पष्ट तरीके से तय होगा, तब न सिर्फ ट्रांजैक्शन स्मूथ होंगी, बल्कि सभी संबंधितों को उनके अधिकार भी समय पर मिलेंगे।

नए नियम की प्रमुख बातें – एक नजर में

  • खाते में अब चार तक नॉमिनी बनाए जा सकते हैं।
  • हर नॉमिनी को अलग प्रतिशत हिस्सेदारी दी जा सकती है।
  • नॉमिनी अनिवार्य नहीं, लेकिन बैंक ग्राहकों को जानकारी देना आवश्यक।
  • नॉमिनी बदलने, जोड़ने या हटाने में सिर्फ तीन कार्यदिवस में रिसिप्ट जरूर मिलेगी।
  • नॉमिनेशन डिजिटल और पारदर्शी रहेगा।
  • बैंक किसी भी हालत में अकाउंट खोलने से मना नहीं कर सकता, यदि ग्राहक नॉमिनी नहीं चुनना चाहता।

आपके लिए क्या करें?

अगर आपके पास पहले से बैंक खाता है, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और अपने नॉमिनी में जरूरत के मुताबिक बदलाव करें। महिलाओं, बुजुर्गों और कामकाजी प्रोफेशनल्स के लिए यह सुविधा बेहद फ़ायदेमंद है क्योंकि इसके ज़रिए उनका भविष्य और परिवार दोनों सुरक्षित हो सकते हैं।

RBI Rule Change 2025
Author
Divya

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