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International Crisis: यमन के दक्षिणी हिस्से पर कब्जा! सऊदी अरब को बड़ा झटका, जल्द हो सकता है नए देश का ऐलान

यमन के दक्षिण में सशस्त्र तूफान! सऊदी को धूल चटाने के बाद स्वतंत्र देश का धमाका? तेल क्षेत्रों पर कब्जे से मध्य पूर्व में भूचाल, जानिए क्या बनेगा नया नक्शा!

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यमन के दक्षिणी हिस्सों में सशस्त्र समूहों ने अचानक हमला तेज कर दिया है। इन गुटों ने कई महत्वपूर्ण शहरों और तेल क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमा लिया, जिससे सऊदी अरब की समर्थित सरकार को पीछे हटना पड़ा। यह नया मोड़ यमन के लंबे गृहयुद्ध को और जटिल बना सकता है, जहां अब स्वतंत्र राज्य की घोषणा की अटकलें तेज हो गई हैं। क्षेत्रीय शक्तियों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

International Crisis: यमन के दक्षिणी हिस्से पर कब्जा! सऊदी अरब को बड़ा झटका, जल्द हो सकता है नए देश का ऐलान

दक्षिणी यमन में उथल-पुथल

दक्षिणी यमन के हद्रमौत घाटी जैसे इलाकों में स्थानीय बलों ने तेजी से प्रगति की। उन्होंने सेयुन शहर, राष्ट्रपति भवन, हवाई अड्डे और तेल उत्पादन वाले क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में ले लिया। ओमान की सीमा से सटे ये इलाके आर्थिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। एडेन बंदरगाह शहर समेत आठ प्रांतों पर अब इन समूहों का दबदबा हो गया है। सड़कों पर लोग पुराने झंडे लहराते हुए नारेबाजी कर रहे हैं, जो स्वतंत्रता की मांग को जोर दे रही है। यह कार्रवाई ‘भविष्य का वादा’ नामक अभियान का हिस्सा बताई जा रही है।

सऊदी अरब को क्यों लगा बड़ा झटका?

सऊदी सेनाओं को पेरिम द्वीप और एडेन के प्रमुख ठिकानों से खिसकना पड़ा। रियाद ने दशकों से यमन में अपनी सैन्य उपस्थिति बनाए रखी थी, लेकिन अब उसका प्रभाव कमजोर पड़ रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के समर्थन वाले दक्षिणी गुटों की सफलता ने सऊदी नीतियों को चुनौती दे दी। दोनों देशों के बीच यमन को लेकर रणनीतिक मतभेद अब साफ नजर आ रहे हैं। हवाई क्षेत्र के अस्थायी बंद होने से व्यापार और यात्रा पर भी असर पड़ा। यह स्थिति सऊदी अरब के लिए रणनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर नुकसानदेह साबित हो रही।

नया देश घोषित होने की आशंका

दक्षिणी समूह 1990 से पहले के स्वतंत्र यमन को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे। प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं और स्वायत्तता की मांग कर रहे। यदि यह घोषणा हो गई, तो यमन का गृहयुद्ध नया रूप ले लेगा। हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी प्रयास कमजोर पड़ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस संकट पर नजर रखे हुए है, क्योंकि इससे लाल सागर के व्यापार मार्ग प्रभावित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।

यह संकट मध्य पूर्व की स्थिरता को हिला सकता है। सऊदी अरब को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, जबकि दक्षिणी गुट अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के करीब पहुंच गए हैं।

Author
Divya

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