
हरियाणा के गांव पलड़ी में एक अनोखा और साहसिक फैसला लिया गया है। दरअसल लंबे समय से ग्रामीणों की शिकायत थी कि शादी या किसी भी खुशी के मौके पर किन्नर ज़रूरत से ज्यादा पैसे मांगते हैं, जिससे मजदूर वर्ग के परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। क्योंकि हर व्यक्ति आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं होता की वह एक साथ बड़ी रकम दे सके, इसी समस्या को देखते हुए ग्राम पंचायत ने अब किन्नरों के लिए 1100 रुपये की तय राशि तय कर दी है, ताकि अवसरों पर किसी तरह की जबरन वसूली न हो।
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किन्नरों की मनमानी से मिलेगी राहत
जनता समाधान शिविर के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों सरपंच अशोक कुमार, पंच अंजू, प्रवीण कुमारी, मोहिनी, जोगेंद्र और नंबरदार हवा सिंह ने यह मुद्दा एसडीएम इसराना नवदीप नैन के सामने उठाया। उन्होंने बताया कि गांव में अधिकांश लोग दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं। ऐसे में शादी-ब्याह जैसे मौकों पर किन्नरों द्वारा अधिक पैसे मांगना उनके लिए परेशानी बन जाता है।
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लीगल एक्शन के दिए निर्देश
पंचायत के इस फैसले के बाद स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अगर किन्नर तय राशि से ज्यादा मांगने की कोशिश करते हैं, तो उनके खिलाफ लीगल एक्शन किया जाएगा। एसडीएम ने भी तुरंत संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच और निगरानी करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
ग्रामीणों का मानना है कि यह निर्णय गांव में एक संतुलित वातावरण बनाए रखने में मदद करेगा और खुशियों पर आर्थिक तनाव नहीं बढ़ेगा। पंचायत का यह कदम बताता है कि छोटे गांव भी बड़े और सख्त निर्णय लेने में पीछे नहीं हैं खासतौर पर जब बात लोगों की आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक सामंजस्य की हो।
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