
उत्तराखंड के राशन कार्डधारकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है अब ई-केवाईसी के लिए राशन दुकान पर लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि राज्य सरकार जल्द ही एक नया मोबाइल एप लॉन्च कर रही है, जिसके जरिए लगभग 54 लाख लाभार्थी घर बैठे ही अपनी ई-केवाईसी पूरी कर सकेंगे।
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नया मोबाइल एप क्या करेगा?
उत्तराखंड खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए एनआईसी देहरादून द्वारा तैयार किया जा रहा यह एप अंतिम चरण में है और इसे अगले एक-दो दिनों में लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद लाभार्थी अपने स्मार्टफोन से ही ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे, बिना राशन डीलर की दुकान पर जाए।
इस एप के जरिए:
- लाभार्थी घर बैठे अपनी ई-केवाईसी कर सकेंगे।
- पहचान के लिए अंगूठे के निशान की जगह अब आइरिस (आंख की पुतली) स्कैन का इस्तेमाल होगा, जो बुजुर्गों और मजदूर वर्ग के लिए ज्यादा आसान होगा।
- एप पर परिवार की यूनिट संख्या, साल भर में मिला राशन, शेष कोटा और वितरण का इतिहास एक क्लिक में देखा जा सकेगा।
- राशन डीलरों पर भीड़ कम होगी और विभागीय अधिकारियों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग और सत्यापन में आसानी होगी।
क्यों जरूरी हुई यह पहल?
देशभर में फर्जी राशन कार्डों को रोकने और लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य किया गया है। उत्तराखंड में भी 15 दिसंबर तक सभी राशन कार्डधारकों को ई-केवाईसी पूरी करने का आदेश दिया गया है।
हालांकि, अभी तक यह प्रक्रिया सिर्फ राशन डीलर की ई-पॉस मशीन से हो रही थी, जिसकी वजह से:
- बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांग लोगों को भारी परेशानी हो रही थी।
- दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को काम-धंधा छोड़कर घंटों लाइन में लगना पड़ता था।
- राज्य के कुल 95 लाख से ज्यादा लाभार्थियों में से अभी तक सिर्फ 41 लाख के करीब की ही ई-केवाईसी पूरी हुई है, जबकि लगभग 54 लाख लोगों की अभी भी लंबित है।
इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने घर बैठे ई-केवाईसी की सुविधा देने का फैसला किया है।
एप के खास फीचर
नए मोबाइल एप के जरिए पूरी प्रक्रिया डिजिटल, सुरक्षित और आसान हो जाएगी। इसके मुख्य फीचर इस प्रकार हैं:
- घर बैठे ई-केवाईसी: लाभार्थी अपने मोबाइल से ही ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे, बिना राशन दुकान पर जाए।
- आइरिस स्कैन से पहचान: अब पहचान के लिए अंगूठे के निशान की जगह आइरिस स्कैनिंग का इस्तेमाल होगा, जो ज्यादा सटीक और उपयोग में आसान है।
- राशन की पूरी जानकारी एक क्लिक में: एप पर यह देखा जा सकेगा कि साल भर में कितना राशन मिला, कितना बचा है, परिवार के सदस्य कौन-कौन हैं और वितरण का इतिहास क्या है।
- डीलरों और अधिकारियों के लिए सुविधा: राशन डीलरों पर भीड़ कम होगी और विभागीय अधिकारियों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग और सत्यापन में बड़ी सुविधा मिलेगी।
विभाग का क्या कहना है?
खाद्य आपूर्ति विभाग, देहरादून के अपर आयुक्त पी.एस. पांगती के अनुसार, “ई-केवाईसी के लिए एप लगभग तैयार है और इसे अगले एक-दो दिनों में लॉन्च किया जाएगा। एप आने के बाद लाभार्थियों को राशन डीलर की दुकान पर जाने की जरूरत नहीं होगी। इससे विभागीय कर्मचारियों और विशेष रूप से वृद्ध, बीमार तथा दिव्यांगजनों को बहुत राहत मिलेगी।”
यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
- फर्जी राशन कार्डों पर अंकुश लगेगा और लाभ सच्चे लाभार्थियों तक पहुंचेगा।
- लाभार्थियों को बिना परेशानी के समय पर राशन मिलेगा।
- PDS प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
- तकनीक के जरिए सरकारी सेवाओं की पहुंच और सुविधा में सुधार होगा।
सरकार को उम्मीद है कि इस नई डिजिटल व्यवस्था से ई-केवाईसी प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी और कमजोर वर्गों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
















