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तुर्की में अचानक बने 700 गहरे गड्ढे! पाताल में समाता जा रहा पूरा इलाका, विशेषज्ञ भी हैरान

तुर्की के एक इलाके में बड़ी तेजी से जमीन धंस रही है। सैकड़ों गहरे सिंकहोल बनने से पूरा क्षेत्र खतरे में है। विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन और भूजल दोहन से जुड़ी भयावह चेतावनी बता रहे हैं।

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तुर्की में अचानक बने 700 गहरे गड्ढे! पाताल में समाता जा रहा पूरा इलाका, विशेषज्ञ भी हैरान
तुर्की में अचानक बने 700 गहरे गड्ढे! पाताल में समाता जा रहा पूरा इलाका, विशेषज्ञ भी हैरान

तुर्की के मध्य भाग में स्थित कोन्या प्लेन (Konya Plain) में इन दिनों एक डरावनी और रहस्यमय घटना सामने आ रही है। यह विशाल कृषि क्षेत्र, जिसे देश का ‘अन्न भंडार’ भी कहा जाता है, अचानक से बड़े-बड़े गड्ढों (सिंकहोल्स) की चपेट में आ गया है। स्थानीय भाषा में जिन्हें ‘ओब्रुक’ कहा जाता है, ऐसे लगभग 700 गड्ढे यहां बन चुके हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इन गड्ढों के कारण पूरा इलाका शाब्दिक रूप से ‘पाताल में समाता’ जा रहा है, जिसने किसानों और वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है।

भूजल का अत्यधिक दोहन और भयानक सूखा है मुख्य वजह

विशेषज्ञों के अनुसार, इन विशालकाय गड्ढों के निर्माण के पीछे दो मुख्य कारक हैं:

  • भूवैज्ञानिक संरचना (Karst Geology): कोन्या का इलाका कार्स्ट क्षेत्र है, जिसका मतलब है कि इसकी निचली सतह पर चूना पत्थर जैसी घुलनशील चट्टानें मौजूद हैं। हजारों वर्षों से, भूजल इन चट्टानों में गुहाएँ (Cavities) बनाता रहा है।
  • भूजल स्तर में गिरावट: लंबे समय से चल रहा भयंकर सूखा और सिंचाई के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन (Over-pumping) मुख्य ट्रिगर साबित हुआ है। पानी की कमी के कारण भूमिगत गुहाओं को सहारा देने वाला जलस्तर नीचे चला गया है।

जैसे ही पानी का सहारा हटा, इन गुहाओं की छत ढह गई और सतह पर अचानक बड़े, गोलाकार गड्ढे बन गए। कुछ गड्ढे तो 200 फीट से भी ज्यादा गहरे हैं। अधिकारियों द्वारा हाल ही में किए गए आकलन में अकेले कोन्या प्लेन में 684 से अधिक ओब्रुक दर्ज किए गए हैं, जो खतरे की गंभीरता को दर्शाते हैं।

किसानों पर मंडराया संकट

कोन्या तुर्की के कुल गेहूं का 36% और चुकंदर का 35% उत्पादन करता है। ये सिंकहोल्स सीधे तौर पर उपजाऊ खेतों को निगल रहे हैं, जिससे किसानों की फसलें और आजीविका खतरे में पड़ गई है। ड्रोन फुटेज से पता चला है कि नए गड्ढे कितनी तेज़ी से और बिना किसी चेतावनी के उभर रहे हैं, जिससे किसान अपने जोखिम भरे खेतों को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय कृषि अर्थव्यवस्था, बल्कि पूरे देश की खाद्य सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जब तक भूजल के उपयोग पर सख्त नियंत्रण नहीं किया जाता और सूखे की स्थिति बनी रहती है, तब तक ये डरावने ओब्रुक तुर्की के इस महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र की पहचान बने रहेंगे। यह घटना हमें जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल के भयावह परिणामों की याद दिलाती है।

Author
Divya

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