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Uttarakhand Ration Delay: उत्तराखंड में राशन कार्डधारकों को चावल मिलने में देरी! सामने आई ये बड़ी वजह

फोर्टिफाइड चावल की खरीद में अटकी है आपूर्ति नवंबर का राशन भी नहीं मिला, 20 दिसंबर तक का समय और -जनवरी में दो महीने एक साथ बांटने की योजना।

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Uttarakhand Ration Delay: उत्तराखंड में राशन कार्डधारकों को चावल मिलने में देरी! सामने आई ये बड़ी वजह
Uttarakhand Ration Delay: उत्तराखंड में राशन कार्डधारकों को चावल मिलने में देरी! सामने आई ये बड़ी वजह

उत्तराखंड में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन कार्डधारकों को दिसंबर महीने के चावल के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राज्य के राशन डीलरों तक दिसंबर माह का चावल अभी तक नहीं पहुंच पाया है, जिससे लाभार्थियों को तय समय पर राशन नहीं मिल पा रहा है। इस देरी के पीछे का मुख्य कारण फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) यानी पोषक तत्वों से भरपूर चावल के दानों की खरीद प्रक्रिया में आई बाधा है।

डीलरों को आमतौर पर महीने के शुरू होने से लगभग एक सप्ताह पहले ही अग्रिम राशन उपलब्ध करा दिया जाता है। इस हिसाब से दिसंबर का राशन नवंबर के अंत तक मिलना शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन एफआरके की आपूर्ति बाधित होने के कारण चावल मिलें तैयार चावल को सरकारी गोदामों तक नहीं पहुंचा पाई हैं।

मुख्य समस्या: चावल मिलों द्वारा धान से चावल तो तैयार कर लिया गया है, लेकिन सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार इसमें एफआरके मिलाना अनिवार्य है। एफआरके की खरीद और गुणवत्ता जांच में देरी के चलते आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो गई है।

एफआरके क्या है और इसकी अनिवार्यता क्यों?

फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) पोषणयुक्त चावल के दाने होते हैं। केंद्र सरकार ने देश में कुपोषण और एनीमिया की समस्या से लड़ने के लिए राशन की दुकानों के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण अनिवार्य कर दिया है। देश में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं खून की कमी (एनीमिया) और कमजोरी से जूझ रहे हैं।

  • पोषण का महत्व: सामान्य चावल में विटामिन बी12, आयरन, फोलिक एसिड और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से तैयार लगभग 10 ग्राम एफआरके प्रति किलोग्राम चावल में मिलाया जाता है, जिससे चावल की पोषण क्षमता बढ़ जाती है।

आपूर्ति में देरी का कारण: नियमों में बदलाव

आपूर्ति में देरी का एक प्रमुख कारण एफआरके की खरीद प्रक्रिया में किया गया बदलाव है। पहले एफआरके की खरीद सरकार आपूर्तिकर्ता से करती थी। अब नियमों में बदलाव किया गया है, जिसके तहत एफआरके का उत्पादन करने वाले से सीधे खरीद की जानी है। हालांकि, इस खरीद से पहले केंद्र सरकार की लैब में एफआरके की गुणवत्ता की जांच अनिवार्य कर दी गई है। इन नए बदलावों और गुणवत्ता जांच प्रक्रियाओं में लगने वाले समय के कारण पूरी आपूर्ति प्रक्रिया प्रभावित हुई है।

प्रभावित हो रहा वितरण

चावल की आपूर्ति न होने से केवल राशन कार्डधारक ही नहीं, बल्कि मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) योजना के तहत स्कूलों को होने वाली आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। यदि यह विलंब जारी रहता है, तो संभावना है कि राशन डीलरों को जनवरी में एक साथ दो महीने का (दिसंबर और जनवरी) राशन वितरित करना पड़ सकता है।

फिलहाल, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा इस समस्या को जल्द सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है और उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक सरकारी गोदामों में चावल की आपूर्ति हो पाएगी।

Uttarakhand Ration Delay
Author
Divya

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