
विदेश यात्रा पर जाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन एक चीज जो अक्सर हमें चौंका देती है, वह है करेंसी एक्सचेंज! कुछ देशों में जब आप अपने भारतीय रुपये (INR) को बदलते हैं, तो आपके हाथ में स्थानीय करेंसी के इतने नोट आ जाते हैं कि एक पल के लिए आप खुद को ‘करोड़पति’ या बहुत अमीर महसूस करने लगते हैं।
यह सिर्फ ढेर सारे नोटों का भ्रम होता है। दरअसल, यह उन देशों की कमजोर मुद्रा (Weak Currency) का कमाल है। कमजोर मुद्रा का मतलब है कि उसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत कम है, जिस वजह से आपका रुपया वहां बहुत चलता है। यही कारण है कि भारतीय यात्रियों को अपनी जेब में नोटों के बंडल मिलते हैं। हालांकि, यहां की सैर अक्सर बजट-फ्रेंडली होती है।
आइए जानते हैं दुनिया के 6 ऐसे देश जहां आपको ‘नोटों के बंडल’ मिल सकते हैं, और उनकी मुद्रा के कमजोर होने की वजह क्या है:
Table of Contents
1. लेबनान (Lebanon) – लेबनीज पाउंड (LBP)
लेबनान की करेंसी लेबनीज पाउंड की कीमत हाल के वर्षों में नाटकीय रूप से गिरी है। इसकी मुख्य वजहें हैं लंबी राजनीतिक अस्थिरता, भीषण महंगाई (Hyperinflation) और गहराता आर्थिक संकट। पर्यटकों को बहुत सारे पाउंड मिल जाते हैं, जिससे उन्हें खूब सारा पैसा होने का एहसास होता है, जबकि स्थानीय लोगों के लिए रोज़मर्रा की चीज़ों के दाम आसमान छू रहे हैं।
2. ईरान (Iran) – ईरानियन रियाल (IRR)
ईरानियन रियाल लंबे समय से दुनिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में से एक रहा है। इसकी वैल्यू में गिरावट का मुख्य कारण कड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध और उच्च मुद्रास्फीति है। विदेशी मुद्रा बदलने पर आपको रियाल के ढेर सारे नोट मिलेंगे। यह स्थिति यात्रियों को एक क्षणिक खुशी देती है, जबकि देश का विदेशी व्यापार और अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।
3. वियतनाम (Vietnam) – वियतनामी डोंग (VND)
वियतनामी डोंग लगातार सबसे कम वैल्यू वाली एशियाई मुद्राओं में गिना जाता है। वियतनाम की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन सरकार जानबूझकर अपनी मुद्रा को कमजोर रखती है ताकि उसका निर्यात सस्ता हो और उसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में फायदा मिल सके। यहां यात्रा करना बेहद किफायती है, और आपके पास बड़ी संख्या में डोंग के नोट हो सकते हैं।
4. लाओस (Laos) – लाओशियन किप (LAK)
लाओस, दक्षिण-पूर्व एशिया का एक खूबसूरत देश है, जिसकी मुद्रा लाओशियन किप किसी बड़ी वैश्विक मुद्रा से जुड़ी नहीं है, इसलिए इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव आता रहता है। ज्यादा कर्ज और धीमे आर्थिक विकास के कारण इसकी वैल्यू कम है। यहां यात्रा के दौरान आपको छोटी-छोटी खरीददारी के लिए भी नोटों का एक बड़ा बंडल साथ रखना पड़ सकता है।
5. इंडोनेशिया (Indonesia) – इंडोनेशियन रुपिया (IDR)
इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, फिर भी इंडोनेशियन रुपिया की वैल्यू कमजोर बनी हुई है। जनसंख्या घनत्व, आयात पर निर्भरता और बाजार में अस्थिरता को इसकी कमजोर वैल्यू का कारण माना जाता है। बाली जैसे लोकप्रिय स्थानों की यात्रा के दौरान आपको ऐसे नोटों का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिन पर कई शून्य लगे होते हैं, जिससे आपको ‘बहुत पैसा’ खर्च करने का आभास होगा।
6. उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) – उज्बेकिस्तानी सोम (UZS)
मध्य एशिया का यह देश अपनी पुरानी आर्थिक चुनौतियों से उबर रहा है, लेकिन उज्बेक सोम की गिनती अभी भी कमजोर मुद्राओं में होती है। पहले की आर्थिक परेशानियां और कुछ ही चीजों के निर्यात पर निर्भरता इसकी वैल्यू को कम रखती है। यहां के ऐतिहासिक शहरों का भ्रमण सोम की वजह से आपकी जेब पर ज्यादा भारी नहीं पड़ेगा।
















