अक्सर प्रतियोगिताएं अपनी मौज-मस्ती और अलग-अलग तरह के चैलेंज से लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं। हाल ही में एक बेहद अनोखी प्रतियोगिता चर्चा में आई है, जिसमें प्रतिभागी सबसे ज्यादा घंटे बेड पर पड़े रहने की होड़ में भाग लेते हैं। यह प्रतियोगिता न केवल लोगों को हैरान करती है, बल्कि इसे देखना भी बहुत मनोरंजक होता है।

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प्रतियोगिता का मकसद और अनोखा स्वरूप
इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य यह मापना होता है कि कौन सबसे ज्यादा समय तक बिस्तर पर बिना उठे या हिले-डुले पड़े रह सकता है। इसमें कोई शारीरिक एक्टिविटी या खड़ा होना शामिल नहीं होता, सिर्फ पूरा ध्यान अपने शरीर को पूरी तरह आराम देने पर होता है। प्रतिभागी इस चुनौती को पूरा करके धैर्य और सहनशीलता का परीक्षण करते हैं।
नियम और शर्तें
प्रतियोगिता के नियम बहुत स्पष्ट होते हैं: प्रतिभागी को लगातार लंबे समय तक बिस्तर पर लेटे रहना होता है। हालांकि, बीच-बीच में टॉयलेट ब्रेक या जरूरत के छोटे-छोटे ब्रेक जरूर मिलते हैं, ताकि स्वास्थ्य प्रभावित न हो। खाने-पीने और अपने मनोरंजन के लिए किताबें या फोन का इस्तेमाल लेटे-लेटे किया जा सकता है, लेकिन बेड से उठना सख्त मना है। जो सबसे अंत तक इस नियम का पालन करता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है।
विश्वभर की कुछ प्रमुख प्रतियोगिताएं
इस तरह की प्रतियोगिताओं का इतिहास दुनिया के कई देशों में देखने को मिलता है। चीन में एक प्रतियोगिता में एक व्यक्ति ने 33 घंटे से अधिक समय तक बिना बेड छोड़े लेटे रहकर जीत हासिल की। मोंटेनेग्रो जैसे यूरोपीय देशों में भी कई बार ‘आलस्य महोत्सव’ आयोजित होता है, जहां प्रतियोगी कई दिनों तक बिस्तर पर पड़े रहते हैं, और कई बार यह रिकॉर्ड हफ्तों तक भी पहुंच जाता है।
प्रतियोगिता के फायदे और ध्यान देने वाली बातें
यह प्रतियोगिता केवल आराम का बहाना नहीं बल्कि धैर्य और मानसिक मजबूती की परीक्षा भी है। हालांकि, लंबे समय तक बिना हिले-डुले रहने से स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि ऐसा करते समय सावधानी बरती जाए। इन प्रतियोग
















